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लैंड फॉर जॉब केस में लालू यादव को झटका: याचिका खारिज, मुकदमे पर रोक नहीं

कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई FIR को रद्द करने की याचिका पर जांच एजेंसी से जवाब मांगा है और 12 अगस्त को अगली सुनवाई तय की है।

नई दिल्ली: ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें लालू ने सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी।

न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने 29 मई को दिए अपने आदेश में स्पष्ट किया कि कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कारण नजर नहीं आता। आदेश की प्रति 31 मई को सार्वजनिक की गई।

कोर्ट की टिप्पणी

“मामले को फिलहाल आरोप तय करने के लिए विशेष न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है। याचिका लंबित रहने के बावजूद याचिकाकर्ता को आरोपों पर बहस के दौरान निचली अदालत में अपने सभी तर्क प्रस्तुत करने की पूरी स्वतंत्रता होगी। यह उनके लिए अपनी बात रखने का एक और अवसर होगा।”

इसलिए अदालत ने स्थगन के लिए दाखिल आवेदन को अस्वीकृत कर दिया।

हालांकि, अदालत ने एफआईआर रद्द करने की मांग वाली लालू यादव की दूसरी याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब 12 अगस्त को होगी।

क्या है ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला?

यह मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि इस दौरान रेलवे में ग्रुप-डी पदों पर भर्तियों के बदले जमीनें ली गईं।

सीबीआई और ईडी के अनुसार:

  • भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार का विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई।
  • पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जैसे जोनों में सब्स्टीट्यूट के तौर पर नियुक्त किया गया।
  • बाद में इन लोगों को नौकरी के बदले ट्रांसफर की गई जमीनों के आधार पर नियमित किया गया।
  • कुल मिलाकर, 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन लालू परिवार के सदस्यों और उनसे जुड़ी AK Infosystems Pvt. Ltd. कंपनी के नाम पर ट्रांसफर की गई।
  • आरोप है कि इस प्रक्रिया में लगभग 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई।

लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप, बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और अन्य पर आरोप हैं कि उनके नाम पर या उनके सहयोगियों के जरिए ये जमीनें हासिल की गईं।

लालू परिवार का पक्ष

लालू यादव और उनके परिजनों ने इन आरोपों को पूरी तरह राजनीति से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि उनके खिलाफ कोई ठोस या कानूनी रूप से मजबूत सबूत नहीं हैं।

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