बिहार में खिलाड़ियों को बड़ा तोहफा: 88 खिलाड़ियों को मिलेगी सरकारी नौकरी

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन शंकरण ने बताया कि इनमें से 21 एथलीटों को सब-इंस्पेक्टर (दरोगा) का पद मिलेगा, जबकि शेष अन्य विभागों में नियुक्त होंगे।
पटना: बिहार सरकार की ‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’ नीति के तहत प्रदेश के 88 होनहार खिलाड़ियों को जल्द ही सरकारी नौकरी मिलने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य खिलाड़ियों की मेहनत और उपलब्धियों को सम्मान देना है, साथ ही उन्हें भविष्य के लिए आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन शंकरण ने जानकारी दी कि जून में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें इन सभी खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। इनमें से 21 खिलाड़ियों को सब-इंस्पेक्टर (दरोगा) के पद पर नियुक्त किया जाएगा, जबकि शेष खिलाड़ियों को अन्य विभागों में विभिन्न पदों पर तैनात किया जाएगा।
महिला खिलाड़ियों के लिए नई पहल: मेंस्ट्रूअल हेल्थ पॉलिसी
बिहार सरकार महिला खिलाड़ियों की सेहत को लेकर भी एक क्रांतिकारी कदम उठा रही है। राज्य में जल्द ही मेंस्ट्रूअल हेल्थ पॉलिसी लागू की जाएगी।
रविंद्रन शंकरण के अनुसार, एक साल चले सर्वे में पाया गया कि 75% महिला खिलाड़ी माहवारी के दौरान खेलों से दूरी बना लेती हैं, जिसका कारण ब्लीडिंग, स्टेन की समस्या और सामाजिक संकोच है।
सरकार अब फीमेल हेल्थ अवेयरनेस सेंटर खोलने और इस नीति को लागू करने जा रही है। फिलहाल यह पॉलिसी ड्राफ्ट स्टेज में है और जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा।
अब तक 342 खिलाड़ियों को मिल चुकी है सरकारी नौकरी
बिहार सरकार की इस प्रोत्साहन योजना के तहत 2010 से 2020 के बीच 271 खिलाड़ियों को लिपिक स्तर की नौकरियां दी गई हैं। 2023-24 में 71 खिलाड़ी सीधे सरकारी सेवा में नियुक्त हुए हैं। इनमें से 21 सब-इंस्पेक्टर बने हैं।
SDO और DSP तक का रास्ता खुला
2023 में लागू की गई ‘बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023’ के तहत, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को बिना किसी प्रतियोगी परीक्षा के सीधी सरकारी नियुक्ति मिलती है।
इस नीति के अंतर्गत बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को आगे चलकर SDO (अनुमंडल पदाधिकारी) और DSP (पुलिस उपाधीक्षक) जैसे उच्च पदों तक पहुंचने का अवसर भी मिलेगा।