गिरिराज सिंह का विवादित बयान: “महबूबा के DNA में आतंकी, कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा बोलती है!”

खड़गे के बयानों पर आपत्ति जताते हुए गिरिराज ने कहा: “दुर्भाग्य है कि कांग्रेस ने हमेशा सेना के शौर्य पर सवाल उठाए। ऑपरेशन सिंदूर को पूरी दुनिया ने सराहा, पर ये लोग पाकिस्तान से सबूत माँग रहे हैं!
नई दिल्ली/बेगूसराय: केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने एक बार फिर अपने तीखे और विवादास्पद बयानों से सियासत में हलचल मचा दी है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर तीखा हमला करते हुए कहा कि देश की सेना के शौर्य पर सवाल उठाना शर्मनाक है और कांग्रेस अब भी पाकिस्तान की भाषा बोल रही है।
कांग्रेस पर सीधा वार
गिरिराज सिंह ने कहा,“यह दुर्भाग्य है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस आज विपक्ष की भूमिका में रहकर भी सेना के पराक्रम पर सवाल खड़े कर रही है। ऑपरेशन सिंदूर की पूरी दुनिया सराहना कर रही है, मगर कांग्रेस अब भी प्रमाण मांग रही है। अगर सबूत चाहिए, तो पाकिस्तान जाकर मांग लें।”
उन्होंने कहा कि सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया, और यह एक साहसिक मिशन था। मगर कांग्रेस का बार-बार सबूत मांगना न केवल सेना का अपमान है, बल्कि यह देश के मनोबल को भी तोड़ने की कोशिश है।
महबूबा मुफ्ती पर भी तीखा हमला
गिरिराज सिंह का गुस्सा यहीं नहीं रुका। उन्होंने महबूबा मुफ्ती को आड़े हाथों लेते हुए कहा:
“महबूबा मुफ्ती जीवन भर आतंकियों की समर्थक रही हैं। उनके तो डीएनए में ही आतंकवाद है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिन लोगों ने कश्मीर को आतंक का अड्डा बनाया, वे आज भी उसी मानसिकता से देश के खिलाफ काम कर रहे हैं। गिरिराज सिंह ने पूछा कि कश्मीर को आतंकियों का ठिकाना किसने बनाया? और जवाब दिया कि ऐसे नेता और पार्टियां ही इसके लिए जिम्मेदार हैं जो आतंकियों को राजनीतिक संरक्षण देते रहे हैं।
“पीओके भी हमारा है”
एक सवाल के जवाब में गिरिराज सिंह ने कहा कि कश्मीर ही नहीं, पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) भी भारत का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने दो टूक कहा:
“यह पूरा देश जानता है कि पीओके भारत का है। हमें इस बात पर कोई भ्रम नहीं है। यह भारत का हिस्सा था, है और रहेगा।”
गिरिराज सिंह के बयान का सियासी असर
गिरिराज सिंह के इन बयानों ने विपक्ष को एक बार फिर घेरा है। सेना के शौर्य पर सवाल उठाने वाले नेताओं पर उनका निशाना चुनावी और राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से बेहद तीखा है। वहीं महबूबा मुफ्ती को लेकर दिए गए बयान ने एक बार फिर कश्मीर की राजनीति को गरमा दिया है।