बिहार चुनाव की तैयारी में AAP, तेजस्वी से दूरी बनाकर केजरीवाल की नई सियासी चाल!

दिल्ली में एक दशक की सत्ता के बाद मिली हार ने AAP को नए राजनीतिक ठिकाने की तलाश में मजबूर कर दिया है। पार्टी अब बिहार में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की योजना पर काम कर रही है।
किशनगंज (बिहार): दिल्ली में सत्ता से बाहर होने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) अब बिहार की सियासत में किस्मत आजमाने को तैयार है। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही है। खास बात ये है कि लोकसभा चुनाव में INDIA गठबंधन का हिस्सा रही AAP अब बिहार में तेजस्वी यादव से दूरी बनाकर अपने बूते चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।
दिल्ली में हार, अब बिहार में नई पारी
दिल्ली में एक दशक की सत्ता के बाद मिली हार ने AAP को नए राजनीतिक ठिकाने की तलाश में मजबूर कर दिया है। पार्टी अब बिहार में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की योजना पर काम कर रही है। चर्चा है कि अरविंद केजरीवाल बिहार में पार्टी का जनाधार मजबूत करने के लिए तेजस्वी यादव से दूरी बना सकते हैं, ताकि विपक्षी वोट बैंक में सेंध लगाई जा सके।
‘जनसंपर्क यात्रा’ से दिखेगी ताकत
AAP बिहार में अपनी सियासी जमीन तैयार करने के लिए 7 चरणों की पदयात्रा आयोजित करने जा रही है। यह पदयात्रा 31 मई से 3 जून के बीच बिहार के विभिन्न जिलों में निकाली जाएगी। इसे ‘केजरीवाल जनसंपर्क यात्रा’ नाम दिया गया है।
इस अभियान की शुरुआत 2 जून को किशनगंज से होगी, जो कि मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। पहला चरण कोचाधामन प्रखंड के डेरामारी चौक से शुरू होगा, जो मस्तान चौक होते हुए किशनगंज शहर तक पहुंचेगा।
प्रशांत किशोर की राह पर AAP
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की बिहार में पदयात्रा के जरिए जन समर्थन जुटाने की रणनीति को देखते हुए AAP ने भी उसी तर्ज पर जनसंपर्क को चुना है। पार्टी को उम्मीद है कि जमीनी स्तर पर लोगों से सीधे संवाद कर वह तेजस्वी और अन्य दलों की तुलना में नया विकल्प बन सकती है।
बिहार की राजनीति में AAP की एंट्री
बिहार की राजनीतिक जमीन पर AAP की यह एंट्री कई समीकरणों को बदल सकती है। तेजस्वी यादव की आरजेडी जहां पारंपरिक वोट बैंक पर निर्भर है, वहीं AAP शहरी मतदाताओं और युवाओं को टारगेट करने की कोशिश में है। आने वाले महीनों में यह साफ हो जाएगा कि केजरीवाल की यह नई रणनीति बिहार में कितनी कारगर साबित होती है।