बिहार में अगड़ी जातियों के लिए विकास आयोग का गठन, बीजेपी नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह बने अध्यक्ष

सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन साल का होगा। आयोग के गठन की अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी कर दी है।
पटना: बिहार सरकार ने उच्च जातियों (अगड़ी जातियों) के सामाजिक और आर्थिक विकास के उद्देश्य से एक नए विकास आयोग का गठन किया है। पहले इसे सवर्ण आयोग कहा जाता था, लेकिन अब इसे औपचारिक रूप से “उच्च जाति विकास आयोग” नाम दिया गया है।
इस आयोग के अध्यक्ष बनाए गए हैं वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह, जबकि उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद को दी गई है। इसके अलावा दयानंद राय, जय कृष्ण झा, और राजकुमार सिंह को आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है।
सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन साल का होगा। आयोग के गठन की अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी कर दी है।
राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग में भी बदलाव
इसके साथ ही राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग में भी बदलाव किए गए हैं। शैलेंद्र कुमार (पश्चिम चंपारण) को आयोग का नया अध्यक्ष बनाया गया है। सुरेंद्र उरांव को उपाध्यक्ष, और प्रेमलीला गुप्ता, तल्लू बास्के, व राजू कुमार को सदस्य नियुक्त किया गया है। इस आयोग का भी कार्यकाल तीन वर्षों का रहेगा।
अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन
इससे एक दिन पहले राज्य अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन किया गया था। जेडीयू नेता गुलाम रसूल बलयावी को आयोग का चेयरमैन बनाया गया है। बलयावी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और पूर्व सांसद भी रह चुके हैं। आयोग में 10 अन्य सदस्य भी नियुक्त किए गए हैं।
चुनावी साल में आयोगों की सक्रियता
गौरतलब है कि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है और सभी दल अपनी-अपनी रणनीति में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्ता बरकरार रखने की कोशिशों में लगे हैं, वहीं राजद और कांग्रेस ने गठबंधन के साथ सत्ता में वापसी की कवायद शुरू कर दी है। महागठबंधन ने महिलाओं को ₹2500 मासिक सहायता देने का वादा किया है।