अरशद वारसी समेत 58 लोगों पर SEBI की कड़ी कार्रवाई, शेयर बाजार में हेराफेरी का खुलासा

शेयर बाजार में हेराफेरी के एक बड़े मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कड़ा कदम उठाते हुए अभिनेता अरशद वारसी, उनकी पत्नी मारिया गोरेती, और अन्य 57 इकाइयों पर कार्रवाई की है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजार में हेराफेरी के एक गंभीर मामले में बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी, उनकी पत्नी मारिया गोरेती और 57 अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। SEBI की जांच में सामने आया कि इन सभी ने शेयरों की कीमतें कृत्रिम रूप से बढ़ाकर अवैध लाभ कमाया है।
क्या है पूरा मामला?
SEBI की रिपोर्ट के अनुसार, इन लोगों ने साधना ब्रॉडकास्ट और शार्पलाइन रियल्टी जैसी कंपनियों के शेयरों को लेकर यूट्यूब पर भ्रामक वीडियो पोस्ट किए। इन वीडियो में आम निवेशकों को इन शेयरों में निवेश करने की सलाह दी गई, जिससे शेयर की कीमतों में तेज उछाल आया। इसके बाद इन लोगों ने ऊंचे दामों पर शेयर बेचकर मुनाफा कमाया।
इस तरीके को “पंप एंड डंप स्कीम” कहा जाता है, जिसमें पहले शेयरों की मांग को कृत्रिम रूप से बढ़ाया जाता है और फिर ऊंचे दाम पर उन्हें बेचकर भारी मुनाफा कमाया जाता है। इस प्रक्रिया में आम निवेशकों को बड़ा नुकसान होता है।
कितना हुआ मुनाफा?
- अरशद वारसी ने लगभग ₹41.70 लाख का लाभ कमाया।
- मारिया गोरेती ने करीब ₹50.35 लाख का मुनाफा हासिल किया।
- सभी आरोपियों की कुल अवैध कमाई ₹58.01 करोड़ आंकी गई है।
SEBI ने इन सभी को यह रकम 12% सालाना ब्याज के साथ वापस लौटाने का निर्देश दिया है।
SEBI की सख्त कार्रवाई
- अरशद वारसी और मारिया गोरेती समेत सभी 59 इकाइयों पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने पर रोक लगा दी गई है।
- दोनों पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
- अन्य आरोपियों पर भी ₹5 लाख से लेकर ₹5 करोड़ तक का जुर्माना लगाया गया है।
- SEBI ने इन इकाइयों को जांच अवधि के अंत से वास्तविक भुगतान तक की अवधि के लिए ब्याज समेत पूरी राशि लौटाने का आदेश दिया है।
कौन हैं मास्टरमाइंड?
SEBI की जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे घोटाले के पीछे गौरव गुप्ता, राकेश कुमार गुप्ता और मनीष मिश्रा प्रमुख साजिशकर्ता थे।
- सुभाष अग्रवाल (साधना ब्रॉडकास्ट के आरटीए निदेशक) ने इन मास्टरमाइंड्स और प्रमोटर्स के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई।
- पीयूष अग्रवाल और लोकेश शाह ने अपने नियंत्रण वाले खातों का इस्तेमाल इस हेराफेरी में सहयोग देने के लिए किया।
निवेशकों को भारी नुकसान
SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस धोखाधड़ी की वजह से आम निवेशकों को ₹50 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। इस मामले में SEBI द्वारा उठाए गए कदम को शेयर बाजार में पारदर्शिता और निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई माना जा रहा है।